आश्रम का एक सत्संग भवन है जहां बाहर से आए विद्वानों द्वारा प्रवचन दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त आश्रम की आवश्यक बैठकें, गोष्ठियां तथा अन्य क्रिया कलापों का आयोजन भी किया जाता है। आश्रम वासियों संस्कृत, वेद आदि की कक्षाओं का आयोजन भी इसी भवन में होता है।
आश्रम में प्रतिदिन दोनों समय सत्संग होता है जिसमें यज्ञ के उपरांत विद्ववानों के प्रवचन आदि भी होते हैं। साधना, स्वाध्याय, चिंतन, मनन भी इसी सत्संग का एक अभिन्न अंग है। विशेष पर्वों और महान विभूतियों के जन्म दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं